आज एक फ़ोन आया - हैलो हैंडसम! कैसे हो? क्या कर रहे हो इन दिनों?
आवाज़ जानी पहचानी सी थी फिर मैंने ट्रू कॉलर पर सर्च किया तो ये वही थी जिसके होने का मुझे अंदाज़ा था।
मैंने भी जवाब दिया - “राजकुमार नाम है मेरा ! मैं आजकल इत्मिनान से दूसरों को ठीक करने का काम करता हूँ। अपनी सुनाइए आज अचानक सात साल बाद कैसे ?”
दूसरी तरफ़ से जवाब आया - “इतना सख़्त लहज़ा ? वो भी अपने दोस्त के साथ ? एक शायर का दूसरे से ये बर्ताव ठीक नहीं महाराज।”
मुझे हंसी आ गयी और जान बूझकर उस हँसी को व्यंग्यात्मक रूप देने से भी परहेज़ नहीं किया मैंने।
और कह ही दिया - “ यूँ पैसे देकर ग़ज़ल ख़रीदने से कोई शायर नहीं बनता ये सोहबत आप पैसे वालों को मुबारक ! मैं मेरे क़िस्से कहानियों से खुश हूँ। रही बात लहज़े की तो वो तो ज़माना जैसा है वैसा तो बनना पड़ता ही है!”
दूसरी तरफ़ से जवाब आया -“ देखो ! ये शब्दों में तो तुमसे मैं जीत नहीं पाऊँगी इसलिए सीधे सीधे पूछ रही हूँ। आज भी सिंगल हो क्या ? मैं चाहती थी कि जो मेरे साथ हुआ वो सबके साथ हो पर तुमने तो मना ही कर दिया था तो मुझे बुरा लगा और हमारी दोस्ती भी ख़त्म कर ली मैंने ! उसके लिए माफ़ी “
मुझे तो जैसे मालूम ही था ये होना है -“ दोस्ती? हम दोस्त कब बने। सिर्फ़ एक मुलाक़ात हुई उसमे भी हमारी कोई बात नहीं हुई 2 दिन तुमने msg किए और फिर तुम्हारे प्रपोजल का सुनकर बात ख़त्म ! आज भी शायद ऐसा ही हो!”
दूसरी तरफ़ से जवाब आया -“ तुम्हारे लहजे में ग़ुरूर बढ़ गया है ये फेम का ग़ुरूर नहीं है। ज़रूर कोई है तुम्हारी ज़िंदगी में ! तुम जानते हो नहीं तो कोई आदमी नज़र मिलाकर ना नहीं कह सकता।“
मैं खो चुका था ये बात सुनकर इन दस दिनों में ये तीसरी बार मैं सुन रहा था कि मेरी बातों में किसी के साथ का ग़ुरूर झलक रहा है।
मैंने भी बोल ही दिया -“ हाँ है कोई। मैं पसंद करता हूँ उसे पर वो नहीं! “
दूसरी तरफ़ से जवाब आया -“ वाह ! एक तरफ़ा में इतना ग़ुरूर ! अगर वो हाँ कर दे किसी दिन तो फिर तो तुम दुनिया से बाक़ी हसीनाओं को ही ख़त्म कर दोगे? “
मैंने भी कह ही दिया -“ हो सकता है फिर तो पहला नंबर तुम्हारा ही हो! दुनिया का तो पता नहीं पर हमारी ये आख़िरी बात है अब दोबारा 7 साल इंतज़ार मत करना!”
दूसरी तरफ़ से जवाब आया -“ महाराज ! ये मौसमी बुख़ार है ! तीन महीने से पहले उतर जाएगा! फिर भी तो किसी रिश्ते को हाँ कहोगे ही ! हम दोस्त क्या बुरें है फिर?”
चलो फिर, करते हैं इंतज़ार ! जब बुख़ार उतरेगा तो आपको ज़रूर याद करेंगे। आज ब्लॉक लिस्ट में एक नाम और जुड़ गया ..
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