Thursday, 14 July 2022

बखत-बखतै बात



पैली बखत कदुक भल और सजिल छी येक बारमै बात करणक लिजी लै आज हमुकै पुराण बखतक लोग आपण दगड़ में जरुरी चैनी, जो हमर नई पीढ़ी कूँ भली कै पुराण कहावतक दगड़ समझै सको।  
पैली बखत में एक दौर छी जब सभै झकड आपस में बातचीत कर सुलझाई जांछी, जब आपसी बातचीत में बात नी बड़ी तब घर या घरक आस-पड़ोस बटी ठुल-बुजुर्ग लोगों कै शामिल कर बैठकी लगाई जाछी। 


झकड सुलझुणक यो प्रयास एक बार न बल्कि बार-बार करी जांछी, केवल एक कोशिश नी हुछी बल्कि हजार भगै यो कोशिश हुछि। ऊ बैठकों में सबुकै आपण बात कुणक पुर अधिकार हुंछि, सबु बात सुणी जांछि, सबु बात में पुर विचार हुंछी, बैठक में बैठी ठुल बुजुर्ग बिलकुल निष्पक्ष हैबेर बात करछी, सब एक दूसरक सम्मान करछी, यैक लिजी झकडक निपटारा हुणक सम्भावना ज़्यादा है जांछि।  

♦️एक बखत आज लै छु -

सोशल मीडिया में स्टेटस या स्टोरी लाईनक जरिये आपण दिलक भड़ास निकाली जां, सबै लोग एक तरफ़ा संवाद करनक कोशिश में लगी छिन, वीक बाद लै आपण तसल्लीक लिजी बार-बार देखनी कि जैक लिजी यो स्टेट्स लिख रखौछी वील देखो की ना, वीक स्टेट्स देख भेर वीक प्रतिक्रिया जाणनक कोशिश जारी छू…

कुल मिलैभेर पैली बटी जो संवाद छी ऊ द्वि तरफ़ा संवाद छी और उमै द्विये पक्ष आपण-आपण मनक बात रख पांछि, यैक लिजी ज़्यादातर झकडक हल निकल जांछी। आजकल संवाद केवल एक तरफ़ा संवाद रै गयी, जो संवाद बस मनक भड़ास निकलनक ज़रिया मात्र रै गयी। 

किलैकि यस संवाद में दूसरक पक्ष नी सुणी जान, वीक दगड़ खुलबेर बातचीत नी है पान, कैं कोई प्रकारक निष्पक्षता नी हुनी, हमर करी बात सच या झूठ वीक परखनक लिजी कोई मज़बूत आधार नी हुन। येक लिजी यस एक तरफ़ा संवादक मकसद झकड़क हल निकालन छोड़ आपण बात और आपण कै सही ठहरें बे दूसर कै गलत ठहरुण मात्र हूँ। 

थक हार, के नई नी सुण पान, के नई नी समझ पान, आपणैं दायरों में बंद हम लोगोंक यो निशानी हूँ। तभै आज लै हमार पुराण बुजुर्ग कहते रूनी बख़ता तेर बलाई ल्यूल…….

(मेरी भाषा मेरी पछ्याण, कभै नी भुलिया दगड़ियों। आपणी यो भाषा कै अघिल लिजानक पुरज़ोर तराण आपु लोगोल लागोण छू।)

#म्योर_पहाड़_मेरी_पछ्याण॥

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