Friday, 15 July 2022

चलो आज मूड लिफ्ट हो जाए ………..



क्या आप जानते हैं, चॉकलेट के प्रति अपने जुनून को व्यक्त करने के लिए हर साल 'चॉकलेट दिवस' मनाया जाता है? चॉकलेट का नाम सुनकर आपके मुंह में पानी आ गया न। इसका स्वाद ही कुछ ऐसा है, जो बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक, सभी को दीवाना बना देता है। आज पूरी दुनिया में चॉकलेट एक पसंदीदा खाद्य पदार्थ है। मिठाई के स्थान पर, त्यौहार हो या जन्मदिन सभी चॉकलेट के दीवाने हैं।




चॉकलेट, तरल या ठोस दोनों रूप में उपलब्ध है। इसका उपयोग पेय पदार्थ जैसे 'हॉट चॉकलेट' या 'चॉकलेट मिल्क' में भी किया जाता है। आपकी प्रिय चॉकलेट कोकोआ नामक पेड़ के बीजों से संशोधित करके बनाई जाती है। वर्तमान में दुनिया के 70 परसेंट कोको का उत्पादन अफ्रीका में होता है। एक किलो चॉकलेट बनाने के लिए करीब 800 कोकोआ बीजों की जरूरत पड़ती हैं।

1700 के दशक के दौरान जमैका में 'चॉकलेट मिल्क' का आविष्कार हुआ था, जिसका उपयोग कसरत के बाद 'रिकवरी ड्रिंक' के रूप में किया जाता है। चॉकलेट बनाने की सबसे पहली मशीन 1780 में स्पेन के बार्सिलोना में बनाई गई। 1817 में जोसेफ फ्राई ने पहली चॉकलेट बार बनाई। अमेरिका में हर सेकंड 100 पाउंड चॉकलेट खाई जाती है। चॉकलेट के मामले में बेल्जियम देश 'धरती का स्वर्ग' कहा जाता है।

शोध से पता चला है कि 'डार्क चॉकलेट' खाने से शरीर में एनर्जी बढ़ने से दिमाग की काम करने की शक्ति बढ़ जाती है, साथ ही आंखों की क्षमता में भी इजाफा होता है। हर रिश्ता एक मिठास की डोर से बंधा होता है, अतः बच्चों, दोस्तों और प्रेमियों को चॉकलेट का उपहार देकर उनके जीवन में मिठास भरें।

♦️कहां से आया चॉकलेट शब्द 
चॉकलेट शब्द मूल रूप से स्पैनिश भाषा से लिया हुआ बताया जाता है। कुछ जानकार मानते हैं कि चॉकलेट शब्द माया और एजटेक सभ्यता से आया है। एजटेक की भाषा में चॉकलेट का अर्थ होता है खट्टा या कड़वा।

♦️मेक्सिको के लोगों ने की थी चॉकलेट की खोज
सीधी भाषा में कहें तो चॉकलेट 4000 साल पुरानी है। इसका जन्म मेसोअमेरिका में हुआ था, जिसे आज मेक्सिको कहा जाता है। मेक्सिको के लोगों को चॉकलेट की खोज का श्रेय भी दिया जा सकता है। उन्होंने ही सबसे पहले अमेजन बेसिन के वर्षावनों में चॉकलेट के पेड़ देखें और इनका इस्तेमाल करना शुरू किया। इसका सेवन एक पेय पदार्थ के तौर पर किया जाता था। इसका स्वाद कड़वा और तीखा होता था। शुरुआत में चॉकलेट का इस्तेमाल एक मुद्रा के तौर पर भी होता था। 

♦️स्पेन के राजा का किस्सा
1521 में स्पेनिश साम्राज्य ने एजटेक साम्राज्य को हरा कर मैकिस्को को अपने साम्राज्य में मिला लिया और इसे न्यू स्पेन कहा जाने लगा। इसी दौरान मेक्सिको में खोजी गई चॉकलेट स्पेन तक पहुंच गई। स्पेन के राजा को कोको का स्वाद इतना अच्छा लगा कि वह कोको के बीजों को अपने साथ स्पेन तक ले गया। स्पेन के लोगों में यह स्वाद बहुत ही कम समय में पॉपुलर भी हो गया। स्पेन में चॉकलेट की एंट्री हुई तो इसे मेडिसिनल गुणों से भरपूर माना गया। डॉक्टरों ने इसे बुखार के दौरान खाने की सलाह दी, पेनकिलर के तौर पर और डाइजेशन की समस्या में भी इसका इस्तेमाल फायदेमंद भी बताया गया। 




♦️चॉकलेट की यूरोप यात्रा
बताया जाता है कि कॉफी और चाय से पहले चॉकलेट यूरोप पहुंची थी। यूरोप पहुंचते ही चॉकलेट की डिमांड एकदम से बढ़ गई। सन् 1850 में एक अंग्रेज व्यक्ति ने ही पहली सॉलिड चॉकलेट बनाई। उसने कोको पाउडर में कोको बटर और शुगर मिलाई, यहीं से चॉकलेट के उस रूप का जन्म हुआ, जिसे आज इस्तेमाल किया जाता है। 

मीठी, स्वादिष्ट और दिल को सुकून पहुंचाने वाली चॉकलेट शायद ही किसी को पसंद न हो। चॉकलेट खाने से आपका मूड फौरन ठीक हो जाता है। अगर आप शेप में रहने की कोशिश में चॉकलेट से दूरी बना रहे हैं, तो यह आर्टिकल आपके लिए ही है। तो आपको बताता चलूं चॉकलेट खाने की 5 वजहें, जो न सिर्फ आपको स्वस्थ रखेगी और कई बीमारियों से भी बचाए रखेगी।

♦️वज़न घटाने के लिए बेहतरीन
ज़्यादातर लोग उसी वक्त चॉकलेट खाना छोड़ देते हैं, जैसे ही उन्हें फिटनेस का ख़्याल आता है। हालांकि, एक्सपर्ट्स का मानना है कि चॉकलेट खाने से वज़न कम करने में मदद मिल सकती है। अगर आप वज़न घटाने का सोच रहे हैं, तो अपनी डाइट में रोज़ाना डार्क चॉकलेट का एक टुकड़ा जोड़ लें।

♦️दिल की सेहत में सुधार करता है
रोज़ाना चॉकलेट का एक छोटा टुकड़ा दिल के स्वास्थ्य को बेहतर बनाने और दिल के दौरे और स्ट्रोक के जोखिम को कम करने में मदद कर सकता है। ब्रिटिश मेडिकल जर्नल में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार, यह पाया गया कि शुद्ध डार्क चॉकलेट का मध्यम मात्रा में सेवन दिल के रोग के विकास के जोखिम को एक तिहाई तक कम करने में मदद कर सकता है।

♦️ग्रेट स्ट्रेस बस्टर
चॉकलेट एक मूड लिफ्टर है, यह तनाव, चिंता को कम करता है और इस तथ्य का समर्थन दुनिया भर के विशेषज्ञों द्वारा किया जाता है। डार्क चॉकलेट का एक छोटा सा टुकड़ा मस्तिष्क में डोपामाइन के रूप में जाना जाने वाला एक खुश हार्मोन जारी करता है, जो मूड को बेहतर करने में मदद करता है।

♦️कैंसर से बचाता है
अगर आप रोज़ाना चॉकलेट का एक टुकड़ा खाएं, तो यह कैंसर को दूर रखने में मदद कर सकती है। ऐसा इसलिए है क्योंकि चॉकलेट का मुख्य घटक- कोको में पेंटामेरिक प्रोसायनिडिन या पेंटामर नामक एक यौगिक होता है, जो कैंसर कोशिकाओं के फैलने की क्षमता को कम करता है।

♦️दिमाग़ के काम में सुधार करती है
चॉकलेट का एक छोटा सा टुकड़ा भी मस्तिष्क के स्वास्थ्य को बढ़ा सकता है और याददाश्त में सुधार कर सकता है। नॉटिंघम विश्वविद्यालय के एक अध्ययन में पाया गया कि कोको पीने या कोको से भरपूर चॉकलेट का सेवन करने से मस्तिष्क में रक्त के प्रवाह में सुधार हो सकता है। यह कोको में फ्लेवनॉल्स की उपस्थिति के कारण होता है जो मस्तिष्क के प्रमुख हिस्सों में 2 से 3 घंटे तक रक्त के प्रवाह को बढ़ाता है।

♦️त्वचा की सेहत सुधरती है
डार्क चॉकलेट में कॉपर, आयरन, कैल्शियम और मैग्नीशियम जैसे मिनरल्स और विटामिन्स होते है। ख़ासकर कैल्शियम क्षतिग्रस्त त्वचा को रिपेयर करने में मददगार है। डॉर्क चॉकलेट खाने से त्वचा बेहतर बनती है।

♦️डायबिटीज़ का ख़तरा कम होता है
डार्क चॉकलेट की संतुलित मात्रा से शरीर का मेटाबॉलिज़्म सुधरता है। ग्लूकोज़ का चयापचय बेहतर होता है। इसके अलावा डार्क चॉकलेट में फ़्लैवोनॉइड होते हैं, जो तनाव कम करने में बेहद कारगर हैं। इंसुलिन का प्रोडक्शन अच्छी तरह होने में मदद मिलती है। इन सबके मिले-जुले प्रभाव के चलते डार्क चॉकलेट खाने से डायबिटीज़ का ख़तरा कम होता है। 

♦️प्रेग्नेंट मांओं के लिए है फ़ायदेमंद 
कई शोधों में यह बात सामने आई है कि डार्क चॉकलेट खाने से भ्रूण की सेहत में सुधार होता है। ख़ासकर अगर मां हाई ब्लड प्रेशर जैसी समस्या से जूझ रही हो। हालांकि यह नहीं स्पष्ट है कि डार्क चॉकलेट की कौन-सी चीज़ ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करती है, पर यह माना जाता है कि इसमें मौजूद फ़्लैवोनॉल यह काम करते हैं। 

♦️ऐंटी-ऑक्सिडेंट्स से भरपूर 
डार्क चॉकलेट्स ऐंटी-ऑक्सिडेंट्स से भरपूर होती है। यह हम जानते ही हैं कि शरीर को नुक़सान पहुंचानेवाले फ्री रैडिकल्स को ऐंटी-ऑक्सिडेंट्स कितन प्रभावी ढंग से नष्ट करते हैं। ये ऐंटी-ऑक्सिडेंट्स कैंसर को फैलानेवाले फ्री रैडिकल्स को भी नष्ट करते हैं। 

♦️डार्क चॉकलेट खाएं, पर… 
बेशक संतुलित और संयमित मात्रा में डार्क चॉकलेट खाना सेहत के लिहाज़ से अच्छा है, पर आपको यह बात याद रखनी चाहिए कि यह भी अंतत: है तो चॉकलेट ही। इसका मतलब यह हुआ कि इसमें में शक्कर होती है और सैचुरेटेड फ़ैट भी। शक्कर और सैचुरेटेड फ़ैट की अधिक मात्रा शरीर को काफ़ी नुक़सान पहुंचा सकती है। तो डार्क चॉकलेट कितनी भी फ़ायदेमंद क्यों न हो, ज़रूरत से ज़्यादा न खाएं। 




♦️चॉकलेट पर किताब
सोफी और माइकल ने चॉकलेट के इतिहास पर एक किताब True History of Chocolate भी लिखी है। इस किताब में बताया गया है कि चॉकलेट की दुनिया अब से 4000 साल पुरानी है। इस किताब में चॉकलेट को The food of the gods यानी देवताओं का खाद्य पदार्थ कहा गया है। 19वीं सदी में चॉकलेट आम लोगों की पहुंच में आई और जैसे हर घर की पसंद भी बन गई। जल्द ही आपकी प्रतिक्रियाओं के आधार पर कुछ समय बाद आपके साथ भारत में चॉकलेट का विस्तृत इतिहास सांझा करुंगा…………..

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