Monday, 22 June 2020

अगर आपको अपने नसीब पर पक्का भरोसा है कि वह आपको कभी धोखा नहीं दे सकता, तो आप स्पेशल केस हैं।
*****************************************************************************************************************

अपने इर्द गिर्द आप देख सकते हैं कि कितने अपराधी आपके कर्णधार बन चुके हैं और कितने शरीफ लोग धूल में मिल चुके हैं। इस प्रकार देखें तो पाप-पुण्य जैसा कुछ इस धरती पर एक्जिस्ट नहीं करता और सब कुछ केवल नसीब का खेल है।

इस एकांतवास के समय शांतचित होकर आप अंदाज़ा लगाइये कि कैसे एक आदमी दस, बीस, पचास मर्डर, रेप, अपहरण, लूट करके भी बच जाता है और देश की संसद और विधानसभाओं में पहुंचकर भारत भाग्यविधाता बन जाता है। दूसरा आदमी पेट की भूख से मजबूर होकर आलू चुराता हुआ पकड़ लिया जाता है, भीड़ के हत्थे चढ़ जाता है और पीट पीटकर मार डाला जाता है।


कितने मेहनती प्रतिभाशाली लोग अपनी बदनसीबी के कारण नष्ट हो गए और कितने अयोग्य निकम्मे लोग अपने नसीब के कारण राज कर रहे हैं। इसलिए नसीब तो है, लेकिन वह मैनेज करने योग्य नहीं है। मतलब, कि वह जो है सो है। उसे किसी के द्वारा बदला नहीं जा सकता। उसे आप अंगूठियों, रत्नों, मालाओं, भभूतों, भस्मों, प्रसादों इत्यादि के ज़रिए भी नहीं बदल सकते। उसे पहले जानना भी संभव नहीं।

यह प्रवचन आज इसलिए दिया, क्योंकि जीवन और मृत्यु भी नसीब द्वारा संचालित है।

अभी कोरोना काल में एक आदमी ऐसा हो सकता है, जो पहले की तरह नॉर्मल लाइफ जीते हुए भी संक्रमण से बचा रहे और एक बदनसीब ऐसा भी हो सकता है, जो तमाम तपस्याएं और परहेज करके भी महज एकाध छोटी मोटी असावधानियों, जो किसी मजबूरी का भी परिणाम हो सकती हैं, के कारण संक्रमित हो जाए।

इसी तरह एक आदमी ऐसा हो सकता है, जिसे संक्रमित होने के बावजूद सारी चिकित्सा सहायताएं उचित ढंग से मिलती चली जाएं और बीमारी के प्रति अधिक संवेदनशील होने या कमज़ोर इम्युनिटी के बावजूद वह बच जाए। दूसरी तरफ एक बदनसीब ऐसा भी हो सकता है, जिसे संक्रमित होने के बावजूद ठीक तो किया जा सकता है, लेकिन उचित चिकित्सा सहायता नहीं मिल पाने के कारण उसकी जान चली जाए।

मतलब यह, कि अगर आपको अपने नसीब पर ऐसा पक्का भरोसा है कि वह आपको कभी धोखा नहीं दे सकता, तो आप स्पेशल केस हैं, लेकिन अगर आपको लगता है कि अक्सर नसीब आपको धोखा दे जाती है तो कोरोना से बचने के लिए जितनी अधिक सावधानी बरत सकते हैं, बरतें, क्योंकि इसके अलावा आपके पास कोई दूसरा चारा नहीं है। ये दुनिया एक रंगमंच है। हम सब यहाँ एक किरदार निभा रहे है। किसको कब आना है कब जाना है वह सब उस निर्देशक के आदेश पर निर्भर करता है। जो इस पूरी दुनिया का किसी अदृष्ट शक्ति के रूप में संचालित कर रहा है।

आप मनन कर अपने आस-पास, समाज का आंकलन कर बेहतर भविष्य की नीव रख सकते हैं। हमें कैसा समाज चाहिए? कैसे लोगों के बीच हमें रहना है? कैसे लोग हमारा प्रतिनिधित्व करेंगे? हमें किन लोगों का भरोसा करना चाहिए व किस पर नजर रखनी चाहिए? कैसे हमारा आने वाला कल सुरक्षित होगा? हम हो न हो हमारा समाज आने वाले कल में आज से बेहतर होना ही चाहिए? आपने आज तक क्या पाया व क्या आने वाले समय में आप पा सकते हैं? आपका क्या ख़्याल है ज़रूर सांझा कीजियेगा।

धन्यवाद।
✍🏻®️

No comments:

Post a Comment