Sunday, 31 May 2020

गैर जिम्मेराना हरकतों से भय-भ्रम का माहौल बनाना छोड़ो और आम जनता में सकारात्मक माहौल बनाकर उनको जागरूक बनाने का प्रयास करो.....
♦️जागरूकता के साथ लड़ेंगे तो हारेगा कोरोना

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कल तक हम खुद को उसकी पहुँच से बहुत दूर महसूस कर रहे थे और लग रहा था की ये और जगह कहर बरपा सकता है,लेकिन इतनी दूर हम तक किसी भी हालत में पहुँच ही नहीं सकता। उसके हम तक नहीं पहुँच पाने के बहुत से कारण,हमने खुद ही बना लिए थे। लेकिन देखो वो हमारे आसपास दस्तक दे ही गया।पूरी दुनिया में विनाशलीला का स्वप्न लिए कोरोना वायरस रूपी मानवजाति का ये अदृश्य दुश्मन आज हमारे आसपास मौजूद है और बस इसी इंतजार में है कि,कब हम गलतियाँ करें,लापरवाह गतिविधियां करें और इसे हमें और हमारे अपनों को नुकसान पहुंचाने का मौका मिले। इतना सब कुछ साफ होने के बाद भी ऐसे तथाकथित शूरवीरों की कोई कमी नहीं,जो कोरोना वायरस को लेकर अपनी गैर जिम्मेराना हरकतों से आम जनता के बीच भय,अफरा-तफरी का माहौल बनाने में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ रहे हैं।जबकि ऐसे माहौल में ऐसी हरकतें करने के बजाय आम जनता के मध्य सकारात्मक वातावरण बनाने और उन्हें जागरूक करने का प्रयास करने की आवश्यकता है।

कोरोना के केस आए नहीं कि ऐसे शूरवीरों ने सोशल मीडिया में इस खबर को ऐसे-ऐसे तरीकों से परोसना शुरू कर दिया कि देखने-पढ़ने वालों में अफरा-तफरी का माहौल बनता दिखा और यकीनन भय का एक अनैच्छिक वातावरण का निर्माण हुवा। इनमें से कईयों ने तो हद ही पार कर दी। अरे भाई, ठीक है। देश के कोने-कोने में कोरोना संक्रमित पाए जा रहे हैं और यहाँ भी बाहर से वापस लौटे कुछ लोग कोरोना पॉज़िटिव पाए गए तो इसमें बहुत अधिक हैरानी की क्या बात हो गयी ? सभी चाहते हैं कि उनके यहाँ,कोरोना का प्रवेश ना हो, लेकिन हमेशा वैसा नहीं हो पाता,जैसा हम चाहते हैं। कोरोना संक्रमितों के ईलाज हेतु शासन-प्रशासन की अपने स्तर से तैयारियां हैं और संक्रमितों के ईलाज हेतु व्यवस्थाएं की गयी हैं और उनका ईलाज भी हो रहा है। अब ऐसी परिस्थितियों में क्या जरूरी है ? खुद जागरूक रहकर औरों को भी जागरूक करना जरूरी है या गैर जिम्मेराना हरकतें कर,आम जनता के मध्य भय का वातावरण बनाना जरूरी है ?
ये बहुत बड़ा सच है कि आज सोशल मीडिया,बहुत बड़ी ताकत बनकर सामने आया है और इसके सही-गलत दोनों प्रकार के प्रभाव भी समय-समय पर सामने आते दिखे हैं। अगर लोगों में होड़ केवल इस बात को लेकर हो कि कोरोना को लेकर वो सबसे पहले जानकारी सोशल मीडिया में साझा करे,फिर भले ही उनका जानकारी साझा करने का तरीका कितना ही गैर जिम्मेराना क्यों ना हो, तो फिर आप समझ सकते हैं कि सोशल मीडिया के माध्यम से किस प्रकार,आम जनता के मध्य भय और भ्रम का वातावरण बनाने का काम होता है। अब कोरोना हमारे आसपास दस्तक दे चुका है और अब ये अंतिम मौका है कि सभी लोग हालातों की गंभीरता को समझते हुवे ये तय कर लें कि हमें क्या करना है और क्या नहीं करना है। कोरोना की भयावहता की तस्वीर हमारे यहाँ नहीं बने,यदि हम ऐसा चाहते हैं तो हम सभी को सबसे पहले कोरोना से सुरक्षा और बचाव के सभी उपायों को अपनी दिनचर्या का अभिन्न हिस्सा बनाना होगा और अन्यों को भी इसके लिए आवश्यक रूप से जागरूक करना होगा। आशा है कि कोरोना से इस जंग में हम सभी एक जागरूक कोरोना योद्धा बनेंगे और मानव जाति के अदृश्य दुश्मन कोरोना को परास्त करेंगे। जागरूक रहिए,सुरक्षित रहिए .....
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