Tuesday, 23 August 2022

शिकायत



अक्सर हमें शिकायत होती है कि हम अपने दिल की बात किसी से नही कह पाते हैं। मगर ऐसा भी नही है कभी किसी से बिना किसी संकोच के कह भी जाते हैं।
हमारे आस-पास बहुत से ऐसे लोग होते हैं जो कभी किसी से अपने दिल की बात शेयर नही कर पाते हैं, वो अपनी हसरतों, ख्वाहिशों के दाग मुहब्बत में धो लेते हैं।




यूं हसरतों के दाग मोहब्बत में धो लिए, खुद दिल से दिल की बात कह ली और रो लिये। घर से चला था मैं खुशी की तलाश में, गम राह में खड़े थे वही साथ हो लिये।
मुरझा चुका है फिर भी, ये दिल फूल ही तो है। अब आप की खुशी इसे काँटे से तोलिए। होंठों को सी चुके तो जमाने ने कहा, यूं चुप से क्यों लगे हो, अजी कुछ तो बोलिए…….

इसी बात पर कुछ फ़रमाया है, जरा दिल से पढ़ियेगा, आपके दिल तलक मेरे अल्फ़ाज़ पहुंचने का अहसास हो तो शब्दों के माध्यम से कमेंट कर जरुर बतलाइयेगा……

मैंने मांगी थी कुछ डालियाँ
हाथ में वो नीम की पत्तियाँ दे गये
तंग जब भी किया हिचकियों ने मुझे
मुझको मेरी लिखी चिट्ठियाँ दे गये
मेरा आगन अभी तक तो सूखा नही
अपने आंसू कहीं और जा बहाइये।

किताबों में तुमने जो कुछ लिख दिया
आज तक वो हर एक पन्ना मोड़े रहा 
मेरी चादर थी छोटी पता था मुझे 
इसी लिये पॉव अपने सिकोड़े रहा 
राधिका कृष्ण सब द्वापरी बातें हैं 
इस प्रसंगों में न अब मुझे उलझाइये
पूछकर हाल मेरा अब तुम 
ऐ अजनबी दोस्त यूं न बहलाइये। 

मगर मुझे लगता है कभी-कभी किसी के साथ बेवजह भी बैठ जाना चाहिए, क्या पता वह आपसे कोई बात करना चाहे। खुशी व गम का सम्बंध ऐसा है जैसे ग़ुब्बारे में भरी हवा और सुई का है। जैसे मात्र एक छोटी सी सुई चुभने पर बड़े से बड़े ग़ुब्बारे की हवा क्षण भर में फुर्र हो जाती है वैसे ही किसी के पास बैठकर प्यार के दो बोल बोलने मात्र से ही उसे खुशी दिलाई जा सकती हैं। इसलिए जीवन में ख़ुशियाँ बाँटते चलिए  सफर आज नही तो कल कट ही जायेगा। पर आपके जाने के बाद भी आपको सबसे ज़्यादा याद वो अनजान दोस्त ही करेगा जिसे कभी आपने खुशी दी थी।

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