Friday, 14 April 2023

Congratulations Bageshwar


बधाई हो!

कुमाऊं मंडल के सबसे अधिक राजस्व देने वाले बागेश्वर जिले में निवास करने वाले व्यक्ति की सबसे कम 98,755 रुपये प्रति व्यक्ति आय है। यदि हम बात करें यहां के विकास को सरकार द्वारा आवंटित (जिला योजना) बजट की तो उससे अधिक का राजस्व यहां आवंटित शराब की दुकानों से सरकार को प्राप्त होता है। बांकी अन्य संसाधनों से आप स्वयं ही अंदाज़ा लगा सकते हैं, कहां खड़े हैं? खैर जो भी हो आप इसे सरकार के साथ उत्सव के रूप में मनाने को तैयार रहें। क्यूँकि आँकड़े बतलाते हैं कि प्रति व्यक्ति आय दुगनी हो चुकी है।



♦️ जनपदवार प्रतिव्यक्ति आय-

जनपद 2011-12                 2021-22
उत्तरकाशी         49584                   1,07281
चमोली             64,327                  1,27,330
रुद्रप्रयाग          46,881                   93,160
टिहरी              49,854                  1,03,345
देहरादून           1,06,552                2,35,707
पौड़ी                50,476                  1,08,640
हरिद्वार             1,76,845               3,62,688
पिथौरागढ़         52,413 1,                  18,678
बागेश्वर            46,457                  98,755
अल्मोड़ा।          55,640                   1,00844
चंपावत             52,463                   1,16,136
नैनीताल            94,142                   1,90,627
ऊधमसिंह नगर   1,26,298              2,69,070

♦️नोटः वर्ष 20111-12 आधार वर्ष, 20021-22 जारी वर्ष दर                                    
2021-22                                                    2022-23
सकल राज्य घरेलू उत्पाद         265488         3,02000
विकास दर                          7.05                  7.09
प्रति व्यक्ति आय                  205,840          2,33,000

♦️बहुआयामी गरीबी-

आर्थिकी में सुधार के बावजूद राज्य के सामने बहुआयामी निर्धनता के रूप में बड़ी चुनौती उपस्थित है। बहुआयामी गरीबी में हेड काउंट रेशियो के घटते क्रम में उत्तराखंड 15वें स्थान पर है। राज्य में 17.72 प्रतिशत जनसंख्या बहुआयामी निर्धर है। इनमें 25.65 प्रतिशत हेड काउंट रेशियो के साथ अल्मोड़ा जनपद सर्वाधिक निर्धन है। यह दर राष्ट्रीय औसत से अधिक है। जिलों में ग्रामीण क्षेत्रों में सर्वाधिक निर्धनता हरिद्वार में 29.55 प्रतिशत है। नगरीय क्षेत्र में चम्पावत जिला सबसे अधिक 20.90 प्रतिशत निर्धन हैं। वहीं बागेश्वर जनपद की यदि बात करें तो यहाँ 19.9 प्रतिशत निर्धन हैं। 

हालांकि, महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम, राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन, ग्रामोदय योजना, स्वर्णजयंती रोजगार योजना समेत कई योजनाएं चल रही हैं, लेकिन गरीब आज भी गरीब ही है। साफ है कि योजनाओं के क्रियान्वयन में कहीं न कहीं खोट है, जो नीति नियंताओं को नजर नहीं आ रहा।

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