आज किसी तरह का कोई काम न होने के कारण दोपहर भोजन के बाद यूं ही बेले बैठे हुए थे, अचानक एक अननोन नंबर से फोन आया, पहले तो कट कर दिया फिर दूसरी बार में उठाया तो…………..
"प्लीज माफ कर दो, अब नही करुंगी शक आप पर, भले आपका नंबर बिजी रहेगा, आपको कॉल करके परेशान भी नही करुंगी, शॉपींग कराने की जिद भी नही करुंगी, रिचार्ज खुद करा लुंगी, प्लीज माफ कर दो"
पता नही किसकी गर्लफ्रेंड थी, पर सुन के बहुत तसल्ली हुई थी...
एक घण्टे के बाद पुनः एक अननोन नंबर से फिर फोन आया, उठाया तो सवाल था..
"आप राजकुमार बोल रहे हैं?"
"जी बोल रहे हैं। आप कौन?
"हम फलाने (नाम सही से याद नहीं) बोल रहे हैं दिल्ली से। फेसबुक पे बहुत पढ़े हैं आपको। बहुत अच्छा लिखते हैं आप!"
"बहुत-बहुत आभार। पर नंबर किसने दिया आपको मेरा?"
"आपकी किसी पोस्ट में किसी ने आपसे आपका नम्बर मांगा था। वहीं से लिया"
"अरे! (हमें हँसी आई और खुशी भी महसूस हुई) वही सोच रहा हूं यार मैं, किसी को जल्दी नम्बर तो देता नही और msg भी नहीं पढ़ पाता जल्दी msngr वाला"
"वहीं से लिए सर"
"कोई बात नही। अच्छा किया। क्या करते हैं आप?"
"सर B.Sc कर रहे हैं। सेकेंड ईयर है।"
"बहुत बढ़िया यार। चलो पढ़ते रहो। हमको भी और अपना कोर्स भी। एसएससी की भी तैयारी करो। स्कोप अच्छा है।"
"हाँ सर देखेंगे।"
"चलो ठीक हैं फिर बाद में बात करते हैं।"
और फिर फोन रख दिया। अक्सर कुछ दोस्त भी पूछते हैं कैसे पा जाते हो इतनी मोहब्बत? जवाब आज तक नही मिला मुझे। खैर बाद में बात करना भूल गया। नम्बर भी पीछे छूट गया। भूलने की बीमारी पता नही मुझसे क्या क्या छुड़वायेगी...
आप, सर, भैया इतना सम्मान जब इस वर्चुअल दुनिया से मिलता है तो अच्छा लगता है। बाकी फोन नम्बर पाने के लिए तो हमने कई बार पापड़ बेलें है पर लड़की होशियार निकली। 2011 तक की पोस्ट और कमेंट छान मारा...
दोस्त अगर पढ़ रहे हो ये पोस्ट तो फिर से फोन करना। अच्छा लगा मुझे। पता चला कि लिख के पैसा न सही ये सम्मान तो कमा ही लिया है, बाकी हमे तो लगा कि हम सिर्फ गरलसखी की गालियां खाने को ही अवतरित हूये हैं! वैसे कई बार बस में भी लोग मिल चुके हैं, मेले में भी, बाज़ार में भी। और तो और यूपीएससी के एग्जाम वाले रूम में भी। बहुत अच्छा लगता है। अनजान लोग आपको सिर्फ फेसबुक से पहचान लेते हैं। मेरी तो किताब भी नही आई यार। पर दिल बाग-बाग हो जाता है....
बाकी आपका कभी बागेश्वर (उत्तराखंड) आना तो खबर कर देना। तुमको भट्ट के डुपके-भात खिलाएंगे, पहाड़ की सुन्दरता दिखलायेंगे और यहां बहने वाले झरनों का संगीत भी सुनाएँगे। दादी-नानी की कहानी किस्से व अल्हड़ बचपन से भी रूबरू कराएँगे। ढेरों प्रेम मित्र, इस जलन भरी दुनिया में तुम जैसे लोग बोरोलीन का काम करते हैं। हर मर्ज का इलाज।
सोचा इस वर्चुअल दुनिया से मिलने वाले प्यार को इसी वर्चुअल दुनिया से सांझा करूँ।
आभार! ढेरों धन्यवाद!!
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