Saturday, 19 March 2022

रंग हमारी जिंदगी का अहम हिस्सा हैं इसलिए होली को बनाएं खुशनुमा और यादगार!




रंगों का त्योहार, एक दूसरे को रंग लगाने की परंपरा, स्वयं से स्वयं का साक्षात्कार का पर्व, क्रीड़ा, हास्य-विनोद और व्यंग्य का उत्सव, हास-परिहास के बीच आपसी मतभेदों का अंत, नई उर्जा के साथ रिश्ते-नातों का पुनर्मिलन, शीत ऋतु का समापन, भी बसंत का आगमन, और जीवन की अदम्य लालसा का प्रतीक है होली।


हम एक ऐसी दुनिया में रहते हैं, जहां रंग हमारी जिंदगी का अहम हिस्सा है। अगर इतिहास के थे झरोखे में झांके तो पता चलेगा कि विभिन्न सभ्यताओं ने रंगों के बारे में अध्ययन किया। अरस्तू ने खोज की कि दो रंगों (पीला व नीला) को मिलाने से तीसरा रंग (हरा) बन जाता है। न्यूटन ने यह साबित किया कि सूर्य की रोशनी सफेद नहीं बल्कि इसमें सात रंग हैं।



प्रकाश ऐसी ऊर्जा है जो सात रंगों से मिलकर बना है -लाल, नारंगी, पीला, हरा, आसमानी, नीला और बैगनी। यह सारे रंग सूरज की किरणों से ही निकलते हैं और ये सभी रंग मानसिक, भावनात्मक और शारीरिक रूप से हमारे शरीर पर भी प्रभाव डालते हैं। 'कलर थेरेपी' के अंतर्गत हमारे शरीर में सात चक्र हैं जिन पर इन सातों रंगों का प्रभाव पड़ता है। हजारों सालों से मिश्र, ग्रीस, चीन और भारत में रंगों से विभिन्न रोगों का इलाज किया जाता रहा है। 'कलर थेरेपी' भारतीय आयुर्वेदिक चिकित्सा का अभिन्न अंग माना जाता है।



लाल रंग ऊर्जा व उत्साह, नारंगी खुशियां व मैत्री, पीला खुशी और आशा, हरा ताजगी का एहसास, गुलाबी चंचलता व प्रेम, बैंगनी रचनात्मकता और नीला अध्यात्म का प्रतीक माना जाता है।


रंगीले राधा-कृष्ण की मनोहारी पिचकारी की कृपारूपी इंद्रधनुषी रंगों से सराबोर भीनी-भीनी फुहार आप के स्वास्थ्य, सफलता, सुख, समृद्धि, ऐश्वर्य, यश पर हमेशा बरसती रहे।




आज 'होलिका दहन' के पावन पर्व पर उस से निकली रोशनी भी अच्छाई की प्रतीक है। इस रसरंग भरे शुभ अवसर, होली के इस सतरंगी एवं मनभावन त्योहार पर आप सभी को हार्दिक शुभकामनाएं।




#HappyHoli2022

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