Sunday, 17 October 2021

शैतान, गधा और हम



एक गधा पेड़ से बंधा था, एक शैतान आया और उसे खोल गया। गधा मस्त होकर खेतों की ओर भाग निकला और खड़ी फसल को खराब करने लगा। 


किसान की पत्नी ने यह देखा तो गुस्से में गधे को मार डाला।
गधे की लाश देखकर गधे के मालिक को बहुत गुस्सा आया और उसने किसान की पत्नी को गोली मार दी। 

फिर वो किसान पत्नी की मौत से इतना गुस्से में आ गया कि उसने गधे के मालिक को गोली मार दी।

गधे के मालिक की पत्नी ने जब पति की मौत की खबर सुनी तो गुस्से में बेटों को किसान का घर जलाने का आदेश दिया।

बेटे शाम में गए और मां का आदेश खुशी-खुशी पूरा कर आए। उन्होंने मान लिया कि किसान भी घर के साथ जल गया होगा।

लेकिन ऐसा नहीं हुआ। 
किसान वापस आया और उसने गधे के मालिक की पत्नी और बेटों, तीनों की हत्या कर दी।

इसके बाद उसे पछतावा हुआ और उसने शैतान से पूछा कि यह सब नहीं होना चाहिए था। ऐसा क्यों हुआ...?

शैतान ने कहा>  

‘मैंने कुछ नहीं किया। मैंने सिर्फ गधा खोला लेकिन तुम सबने रिऐक्ट किया, ओवर रिऐक्ट किया और अपने अंदर के शैतान को बाहर आने दिया। 
 इसलिए अगली बार किसी का जवाब देने, प्रतिक्रिया देने, किसी से बदला लेने से पहले एक लम्हे के लिए रुकना और सोचना ज़रूर .'

ध्यान रखें ... 

कई बार शैतान हमारे बीच सिर्फ गधा छोड़ता है और बाकी विनाश हम खुद कर देते हैं !!

हर रोज टीवी चैनल गधे छोड़ जाते हैं...
आजकल कोई ग्रुप में गधा छोड़ देता है। 
कोई फेसबुक पर गधा छोड़ जाता है। 

और सभी दोस्तों के ग्रुप में और पार्टी बाजी या विचारधारा के चक्कर में आप और हम लड़ते रहते हैं। 

मिल जुल कर मुस्कुरा कर खुशी से रहिये याद रखें-

तोड़ना आसान है, जुड़े रहना बहुत मुश्किल है.....!
लड़ाना आसान है, मिलाना बहुत मुश्किल.....!

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