ट्रिंग ट्रिंग ट्रिंग ट्रिंग ट्रिंग ट्रिंग………..
मैंने अननोन नंबर देखकर थोड़ा सोचा फिर फोन उठा लिया। अक्सर में अननोन नम्बर को एक बार में रिसीव नही करता हूँ। चाहे सामने से कोई भी हो……
उस वार्ता के कुछ अंश आपके सम्मुख रख रहा हूँ, एक भाई की हालत व मेरी आज की आपबीती पर अपनी प्रतिक्रिया अवश्य दें ।
"हेलो...."
उधर से एक महिला की ग़ुस्से से भरी आवाज़ आई। जिसे सुनकर कुछ बोलने की हिम्मत नही हुई। फिर……..
"इत्ती देर से फोन कर रही हूँ आखिर उठा काहे नहीं रहे थे? किसी नजारे को देखने में मगन थे क्या?"
"अनजान नंबर से काल आ रही थी तो थोड़ा देखने ...."
सामने से मेरी बात पूरी होने से पहले ही काट दी गई
"इसका मतलब मेरा नंबर भी सेव नहीं है क्या तुम्हारे मोबाइल में...? तुम्हें क्या तुम्हें तो अपनी सीता गीता रीता से फुरसत मिले तब न... जनाब के मोबाइल में दुनिया जहान का नंबर सेव रहता है बस बीवी का ही नंबर नहीं रहता। तुम बाकी छोड़ो ये तो घर आओ फिर निपट लूँगी। बताती हूँ तुमको शाम को, सामान नोट करो वो लेकर आ जाना" आवाज का जोश बढ़ता जा रहा था।
"जी बोलिये..."
"बड़ा जी जी कर रहे हैं आज फिर चढ़ा ली क्या ?” इस बार तिलमिलाहट में दांत पीसने की आवाज भी सुनी जा सकती थी।
"जी..."
"अपनी मां की तरह ढपोरशंख ही रहोगे, जैसे वो दिन भर राम-राम करती फिरती हैं, लेकिन खटमल की तरह खून पीने का एक भी मौका नहीं छोड़ती। हुंह तुम सामान लिखो और लेकर घर आओ फिर बताती हूँ।"
"जी"
"फिर जी.... तुमको न तुम्हारी बहन का जीजा बना दूंगी सामान लिखो” वो लगभग चिल्लाते हुए बोले जा रही थीं।मैं अचरज से सुन रहा था और एक अच्छे बच्चे की तरह जवाब दिए जा रहा था।
"बताइए"
"आलू पांच किलो, टमाटर एक पौवा, सोया वाला साग एक गड्डी, सौ ग्राम धनिया पत्ती, एक पाव लहसुन, आधा किलो प्याज..... लिख रहे हो न?" उसने फिर दांत पीसा जिसे मैं आसानी से सुन सकता था।
"लिख रहा हूँ....."
"लिख रहे हो तो हूँ हाँ कुछ तो बोलो। किस्मत फूट गई मेरी जो तुम्हारे जैसे निकम्मे से शादी हुई। लिखो साबूदाना एक किलो, चीनी दो किलो, चायपत्ती एक पैकेट ठीक है इतना लेकर आ जाओ बाकी घर मे आकर पर्चा बना लेना फिर जाना" लंबी सांसें छोड़ते हुए मोहतरमा बोले जा रही थीं।
"जी सामान तो ले आऊंगा पर घर का पता तो बता दो"
"घर का पता.... तुम गुड़िया के पापा नहीं बोल रहे"
"नहीं.... हेलो ...हेलो ..."
फोन कट गया,, अब कॉल बैक कर रहा हूँ तो उठा ही नही रहीं मैडम जी, नम्बर बिजी बता रहा है। मैं यहाँ बैठा उन भाई साब की खैर मना रहा हूँ जिनका नंबर अब लगा होगा क्या हुआ होगा उस बेचारे के साथ..!!
क्या यार ये मोबाईल फोन भी गजब की बला है। एक नम्बर ऊपर-नीचे तो अर्थ का अनर्थ होते देर नही लगती। टेलिकॉम कम्पनियों ने अब नम्बर डायल करते ही फोन की स्क्रीन पर फोटो भी दिखानी चाहिए, तांकी ऐसी घटनाओं की भविष्य में पुनरवृत्ति न हो। खैर सोच कर खुश हूँ कि कॉल मुझे ही आई तो कोई समस्या नही माँ जी को आती कि तुम्हारी बहु बोल रही हूँ तब बड़ी आपदा होती !
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