सत्ता के नशे में चूर भाजपा ने एक बार फिर नियम व वैधानिक मर्यादाओं को भी ताक पर रख दिया है।
आज़ाद भारत के इतिहास की यह प्रथम घटना है जब किसी राजनीतिक दल के अध्यक्ष को गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया हो। संवैधानिक मर्यादाओँ का खुलकर उलंघन करने पर आपका क्या कहना है?
आज बागेश्वर डिग्री कालेज हैलीपैड पर पहुंचे नवनियुक्त बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक को गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया जो चर्चा का विषय बन गया। नियमों के मुताबिक, किसी भी पार्टी के अध्यक्ष को गार्ड ऑफ ऑनर नहीं दिया जाता है। इसी बात पर आज बागेश्वर में दिन भर चर्चाओं का बाज़ार गर्म रहा। लोगों का कहना है कि पुलिस का पूरी तरह से राजनीतिकरण हो गया है और पुलिस सीधे-सीधे भाजपा के एजेंट के रूप में कार्य कर रही है।
चौतरफ़ा आलोचनाओं में घिरी बागेश्वर पुलिस तत्काल बैकफुट में आ गई, बागेश्वर एसपी अमित श्रीवास्त ने इस पूरे प्रकरण को गलत बताते हुए जाँच करने की बात कही है। अब देखने वाली बात यह होगी कि सच में जाँच ही होगी या किसी को बली का बकरा बनाया जायेगा। वैसे देश में कोरोना की नई एसओपी जारी कर दी गई है जिसके तहत हड़ताल न करने के आदेश भी आनन-फ़ानन में जारी हो चुका हैं। वहीं उत्तराखंड भाजपा के मुखिया की बागेश्वर आगमन पर आयोजित स्वागत रैली जो पूरे शहर भर में घुमाई गई वह अपने आप में बहुत सारे सवाल खड़े करती है।
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