आज दिन में बहुत लम्बे समय के बाद एक नए नंबर से कॉल आई, मैंने एक बार फिर जरा देर सोचने के बाद कॉल रिसीव करने की सोच ही डाली।
जैसे ही मैंने फोन उठाया और कहा, हैलो जी……..
आवाज़ से पता लगा कि दूसरी तरफ से कोई औरत थी। परन्तु हैलो का जवाब दिये बगैर ही वो महिला बड़े ही आक्रामक होकर बोली, हैलो जी…….. के बच्चे सुबह नाश्ता किये बगैर ही क्यों चले गए ऑफिस ? कितनी बार कहा रात की लड़ाई को सुबह भूल जाया करो, लेकिन तुम्हें समझ नहीं आती। आज तुम आओ तो घर मैं ठीक से तुम्हारी तबीयत साफ करती हूं। अगर तुम्हारे बच्चों का ख्याल ना होता तो तुम्हें मैं कब की दूर दफा कर चुकी होती।
वह औरत अनाप-शनाप बोले जा रही थी और मैं हक्का-बक्का सोच रहा था, कि यह कौन मासूम औरत है ? जो मुझे अपना पति समझ कर इतनी ख़ातिरदारी के साथ क्लास ले रही है।
इधर तो आलम ये है कि अभी अपनी शादी तो छोड़ो मंगनी का भी दूर-दूर तक कोई सीन नजर नहीं आता, ये मोहतरमा तो बच्चों को सम्भालने तक पहुंच चुकी है।
जैसे ही वो जरा रुकी तो मैंने कहा, मोहतरमा आपने शायद
रॉन्ग नंबर पर क्लास ले ली है लेकिन मैं आपका बहुत- बहुत शुक्रगुजार हूं कि दो मिनट ही सही लेकिन मुझे आपने शादीशुदा वाली फीलिंग करा ही दी आपकी कलास से।
सामने से हसने कि बहुत तेज आवाज़ आने लगी, फिर एक बार मैं सोच में पड़ गया आंखिर कौन है ये महिला ? कहने लगी,मैं भी कोई शादी शुदा नहीं हूं, बस दिल की तसल्ली के लिए कभी-कभी रॉन्ग नंबर पर मर्द की आवाज सुनकर क्लास ले लेती हूं। जिससे दिल♥️ को तसल्ली सी हो जाती हैं। फिर एक बार हम दोनों साथ मिलकर हसने लगे और उसने कॉल डिसकनेक्ट कर दी। पता ही नही चल पाया आंखिर कौन महारथी थी, जो इतनी आत्मीयता के साथ हम जैसों से कॉल पर मज़े ले रही थी।
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